Festival Season SALE 🎉 LIVE! Biggest Discounts Ever – Up to 90% Off!

Buy Now

Cart
Your cart is currently empty.

Chitralekha Hindi Edition ...

📖 चित्रलेखा (हिंदी संस्करण) – भगवतीचरण वर्मा 🖋️

🔥 "पाप और पुण्य का असली अर्थ क्या है?" – इस प्रश्न के इर्द-गिर्द घूमती यह कालजयी क्लासिक, प्रेम, वासना, त्याग और नैतिकता की जटिल परिभाषाओं को चुनौती देती है।

चित्रलेखा केवल एक उपन्यास नहीं, बल्कि जीवन के गहरे प्रश्नों का दार्शनिक विश्लेषण है, जिसे पढ़कर पाठक सोचने को मजबूर हो जाता है – क्या इंसान सच में पापी होता है, या परिस्थितियाँ ही उसे ऐसा बनाती हैं?


🌟 कहानी की झलक:

✔️ व्यासगुप्त के शिष्यों का प्रश्न – गुरु व्यासगुप्त के दो शिष्य, श्वेतांक और विष्णु दत्त, पाप और पुण्य के रहस्यों को समझने के लिए समाज में भेजे जाते हैं।

✔️ चित्रलेखा का आकर्षक व्यक्तित्व – यह कहानी चित्रलेखा, एक अद्वितीय और स्वतंत्र विचारों वाली स्त्री के इर्द-गिर्द घूमती है, जो प्रेम और भोग के सवालों में उलझी हुई है।

✔️ बीजगुप्त का मोह और आशक्त मन – मगध के सामंत बीजगुप्त, जो चित्रलेखा के प्रेम में डूबा है, उसके साथ रहते हुए भी आत्मसंघर्ष में फंसा रहता है।

✔️ योगी रत्नांबर का त्याग बनाम भोगवाद – एक ओर सन्यासी योगी रत्नांबर हैं, जो त्याग का मार्ग अपनाते हैं, वहीं दूसरी ओर जीवन के सुख-दुख में डूबे सांसारिक लोग

✔️ क्या इंसान को परिस्थितियाँ पापी बनाती हैं? – कहानी में यह बड़ा प्रश्न उठता है कि कोई भी व्यक्ति जन्म से पापी या पुण्यात्मा नहीं होता, बल्कि समाज और परिस्थितियाँ उसे वैसा बनाती हैं


🔥 पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ:

📌 धर्म, नैतिकता और प्रेम का दार्शनिक विश्लेषण
📌 क्या पाप और पुण्य का निर्धारण व्यक्ति स्वयं करता है या समाज?
📌 मनुष्य की इच्छाओं, कर्तव्यों और आध्यात्मिकता के बीच संघर्ष
📌 प्रेम, स्त्री-स्वतंत्रता और सामाजिक व्यवस्था पर गहरा दृष्टिकोण
📌 संस्कृतनिष्ठ हिंदी भाषा में लिखा गया एक बौद्धिक रत्न


📚 क्यों पढ़ें यह पुस्तक?

अगर आप दर्शन, प्रेम और नैतिकता पर गहन विचार करने वाली किताबें पसंद करते हैं
अगर आप भारतीय साहित्य की क्लासिक्स में रुचि रखते हैं
अगर आपको प्रेम, मोह, वैराग्य और भोग के दर्शन को समझना है
अगर आप जीवन की सच्चाइयों और मानवीय संवेदनाओं को गहराई से महसूस करना चाहते हैं

🎭 "चित्रलेखा केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक विचारधारा है।" यह पुस्तक आपको समाज के स्थापित नैतिक मूल्यों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर देगी!

📖 अगर आप हिंदी साहित्य प्रेमी हैं, तो यह पुस्तक आपके लिए किसी खजाने से कम नहीं है!

Shipping policy

BINDASS BOOKS - SHIPPING POLICY

Standard Shipping:

  • Orders delivered by Indian courier service.
  • Shipping times are estimates; factors like weather, holidays, and customs may affect delivery.
  • Expedited shipping available; contact us for details.

Processing and Delivery:

  • Usually ships within 5-7 Business Days across India.
  • Allow 1-2 days for order processing.
  • Delivery typically within 5 to 7 days.

Important Information:

  • We are not responsible for undeliverable packages due to incorrect destination information.
  • We verify shipping information after purchase.
  • Costs for reshipping undeliverable packages will be invoiced to the customer.
  • No responsibility for Duties, Taxes, or Customs fees.

Refusal or Non-Delivery:

  • If a customer refuses the package or delivery attempts fail in the destination country:
    • BINDASS BOOKS reserves the right to abandon the package(s).
    • No responsibility for any refund in such cases.

For any queries or assistance, contact us at bindassbooks@gmail.com. Thank you for choosing Bindass Books!